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महंगाई : LPG गैस की कीमतों में 102.50 रुपये का इजाफा, महंगाई से त्रस्त जनता की जेब और हुई ढीली

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डेस्क: 

पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता की जेब पर और बोझ डाला गया है। दरअसल, 1 मई 2022 से व्यवसायिक एलपीजी गैस की कीमतों में इजाफा किया गया है। अब 19 किलो एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में 102.50 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। 19 किलो एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत पहले के 2,253 रुपये के मुकाबले अब 2, 355 रुपये प्रति सिलेंडर हो गई है।

बीते 3 माह में तीसरी बार हुआ इजाफा
जानने योग्य बात ये भी है कि ये पहली दफा नहीं है जब गैस की कीमतों में इस प्रकार बढ़ोतरी की गई हो। इससे पहले 1 अप्रैल 2022 को भी गैस की कीमतों में 250 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। 1 मार्च 2022 को भी गैस की कीमतों में 105 रुपये का इजाफा किया गया था।ये इजाफा ऐसे वक्त में किया गया है जब इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोयलियम कॉर्पोरेशन 5000 एलपीजी पंयायतों का आयोजन कर रही है जिसमें उज्जवला दिवस मनाया जाना है।


गौरतलब है कि कंपनियों का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को एलपीजी के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाये। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना चलाई जा रही है जिसके तहत गरीब परिवारों को फ्री एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है।

 

पेट्रोल-डीजल की कीमतों ने किया हलकान
बता दें कि जनता पहले ही पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से त्रस्त है। 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एतिहासिक वृद्धि की गई। इसका असर घरेलु उपयोग की वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ा है। खाद्य तेल की कीमत ने भी एतिहासिक ऊंचाई हासिल की है।


 ये 200 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। यही नहीं, साबुन, सर्फ और दूध जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुओं में इजाफा हुआ है। सरकार का तर्क है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक सप्लाई चैन प्रभावित हुआ है जिसकी वजह से कीमतों को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। 

शक्तिकांत दास ने चिंताजनक तथ्य बताया है
शनिवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन और हेल्थ सेक्टर में भारी खर्च की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने इस हालात से निपटने के लिए जो तरीका बताया है, उसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी में लाने में कम से कम 2035 तक का वक्त लगेगा।